संपादकीयसंपादकीय ^२ संज्ञा पु॰ वह लेख या टिप्पणी जो संपादक द्रारा लिखा गया हो । अग्रलेख । (अं॰ एडिटोरियल) । |
संपर्कसंपर्क संज्ञा पुं॰ [सं॰ सम्पर्क] [वि॰ संपृक्त]..१. मिश्रण । मिलावट ।..२. मेल । मिलाप । संयोग ।..३. लगाव । संसर्ग । वास्ता ।. [..] |
संधिसभवसंधिसभव संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिसम्भव] संयुक्त स्वर या सधि से वना वर्ण । जसे, आ=अ+अ; ए=अ+ई; क्ष=क्+प्; क्ष= ज्+ञ आदि । |
संधिशूलसंधिशूल सज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिशूल] एक रोग । दे॰ 'आमवात' [को॰] । |
संधिवेलासंधिवेला संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धिवेला]..१. सध्या का समय । सायकाल । शाम ।..२. कोई भी संधिकाल । वह काल जिसमें दो काल- विभ [..] |
संधिविपर्ययसंधिविपर्यय संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिविपर्यय] भैत्री और शत्रुता । शांति ओर युद्ध [को॰] । |
संधिप्रवंघनसंधिप्रवंघन संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिप्रबन्धन] दे॰ 'सधिबंधन' । |
संधिप्रच्छादनसंधिप्रच्छादन संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिप्रच्छादन] संगीत में स्वर साधन की एक प्रणाली जो इस प्रकार होती है । आरोही—सा र [..] |
संधिपूजासंधिपूजा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धिपूजा] शारदीय नवरात्र में अष्टमी ओर नवमी के संधिकाल में दुर्गा की अर्चना । |
संधिनीसंधिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धिनी]..१. गाभिन गौ ।..२. वह गौ जो गाभिन होने पर भी दूध दे ।..३. वह गौ जो बिना बछड़े के दूध दे [..] |
संधिनालसंधिनाल संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिनाल] नख या खुर [को॰] । |
संधितस्कारसंधितस्कार संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धितस्कर] दे॰ 'संधिचोर' [को॰] । |
संधितटीसंधितटी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धितटी] संधि का स्थान । दो वस्तुओं के मिलने का स्थान । उ॰—सोभा सुमेरु को संधितटी किध [..] |
संधितसंधित ^२ संज्ञा पुं॰..१. आसव । अर्क ।..२. अचार (को॰) ।..३. अलग हुए बालों को एक में बाँधना (को॰) । |
संधिजीवकसंधिजीवक संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिजीवक] वह जो स्त्रियों को पुरुषों से मिलाकर जीविका चलता हो । कुटना । टाल । |
संधिजसंधिज ^२ वि॰..१. संधि द्रारा उत्पन्न । संधान द्रारा निर्मित (मद्य आदि) ।..२. ग्रंथि या गाँठ पर होनेवाला । जैसे,—संधिज व् [..] |
संधिच्छेदनसंधिच्छेदन संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिच्छेदन] दे॰ 'संधिच्छेद' [को॰] । |
संधिच्छेदकसंधिच्छेदक संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिच्छेदक]..१. संधि तोड़नेवाला ।..२. संधिचोर । सेंधियाचोर । |
संधिच्छेदसंधिच्छेद संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिच्छेद]..१. वह (पक्ष) जो संधि के नियमों का भंग करता हो । अहदनामे की शर्तें तोड़नेवाला । [..] |
संधिग्रथिसंधिग्रथि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धिग्रन्थि] शरीरावयवों के जोड़ पर की ग्रंथि या गाँठ [को॰] । |
संधिगृहसंधिगृह संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिगृह] मधुमक्खी का छत्ता [को॰] । |
संधिगुप्तसंधिगुप्त संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिगुप्त] वह स्थान जहाँ शत्रु की आनेवाली सेना पर छापा मारने के लिये सैनिक लोग छिपकर ब [..] |
संधिकुसुमासंधिकुसुमा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धिकुसुमा] त्रिसंधि नामक फूलदार पौधा । |
संधिकुशलसंधिकुशल वि॰ [सं॰ सन्धिकुशल] जो संधि करने में प्रवीण हो । |
संधिकाष्ठसंधिकाष्ठ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिकाष्ठ] प्रासादशिखर के नीचे लगाई जानेवाली लकड़ी [को॰] । |
संधिकालसंधिकाल संज्ञा पुं॰ [सं॰] संधि का समय । दो के मिलने का क्षण । दो तिथियों, मुहर्तों आदि के योग का काल । जेसे,—दिन और रात [..] |
संधिकासंधिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धिका] मद्य आदि चुवाना [को॰] । |
संधिकर्मसंधिकर्म संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धिकर्भ] संधि करना । सुलह करना । विशेष—संधि के मुख्य दो भेद हैं—चालसंधि और स्थावरसंधि [..] |
संधिकसंधिक संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैद्यक के अनुसार सन्निपात रोग का एक भेद । विशेष—इस रोग में शरीर की संधियों में वायु के कारण [..] |
संधिसंधि संज्ञा [सं॰]..१. दो चीजों का एक में मिलाना । मेल । संयोग ।..२. वह स्थान जहाँ दो चीजें एक में मिलती हों । मिलने की जगह [..] |
संधालिकासंधालिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धालिका] एक प्रकार का भोजन [को॰] । |
संधार्यसंधार्य वि॰ [सं॰ सन्धार्य]..१. धारण या वहन करने लायक ।..२. अस्वीकृति के योग्य ।..३. (नौकर) रखने योग्य [को॰] । |
संधारणीयसंधारणीय वि॰ [सं॰ सन्धारणीय] धारण करने योग्य [को॰] । |
संधारणसंधारण संज्ञा पु॰ [सं॰ सन्धारण] [स्त्री॰ संधारण] [वि॰ संधार- णीय]..१. रोक रखना । घारण करना ।..२. बरदाश्त करना । सहन करना ।.. [..] |
संधानीसंधानी ^२ वि॰ [सं॰ सन्धानिन्]..१. निशाना लगाने में प्रवीण ।..२. मदिरा तैयार करनेवाला ।..३. एक साथ मिलाने या मुक्त करनेवा [..] |
संधानिनीसंधानिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धानिनी] गौओं के रहने का स्थान । गोशाला । |
संधानिकासंधानिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सन्धानिका] प्राचीन काल का एक प्रकार का आम का अचार । |
संधानासंधाना संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धानिका] अचार । खटाई । उ॰—पुनि संधाने आए बसाँधे । दूह दही के मुरंडा बाँधे ।—जायसी ग्रं॰, प [..] |
संधानसंधान संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धान]..१. धनुष पर बाण चढ़ाने की क्रिया । लक्ष्य करने का व्यापार । निशाना लगाना ।..२. शराब बनान [..] |
संधातासंधाता संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्धातृ]..१. शिव ।..२. विष्णु । |